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CTET July 2013 Paper 1 Language I – Hindi With Solution

CTET July 2013 (Paper 1)

Language I – Hindi with Solution




Online Mock Test

Tayari Online Has Been Brought Online For You, Solved Question Paper Of CTET Language I – Hindi July 2013 (Paper 1). Tayari Online Has Prepared CTET July 2013 (Paper 1) Language I – Hindi As A Mock Test For You Which Will Help You To Check Your Level Of Preparation And Will Familiarize You With The Answer From CTET July 2013 Question Paper. This Paper Was Conducted By CBSE on July 2013. With This Paper, Candidates Can Easily Know The Level Of Questions. This Paper Consists Of 150 Questions. Candidates Preparing For CTET Exam Are Advised To Solve This Paper Which Is Given By This Mock Test, In Addition To Other Previous Years Question Papers Of CTET. The Link To Download Other Previous Year Papers Of CTET Is Given At The End Of This Article.



Instructions for mock test candidates

1- The test used to be of one and a half hours duration but now it is two and a half hours and consists of 150 questions. There is no negative marking. This test booklet consists of five parts, I, II, III, IV and V, containing 150 objective type questions, each containing 30 questions:

Part I: Child Development and Pedagogy (Q. 1 to Q. 30)

Part II: Mathematics (Q. 31 to Q. 60)

Part III: Environmental Studies (Q. 61 to Q. 90)

Part IV: Language I – (Hindi Hindi) (Q. 91 to Q. 120)

Part V: Language II – (Hindi / Hindi) (Q.121 to Q.150)

2- Take this mock test by taking a copy and pen for rough work.

3- Read the questions carefully, mark the correct answer and press the next button.

4- At the end of the mock test you will be shown your result, see the result in which your questions will be shown with answers, which will help you to evaluate you, look at your answer sheet and evaluate yourself.

5- If you want to download this question paper then at the end of this article you will get the question paper of CTET 2013 July (Paper 1), you can download it.




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Created on By Vishal Kumar

Central Teacher Eligibility Test-CTET

CTET July 2013 (Paper 1) Language I - हिंदी With Solution

Tayari Online Has Been Brought Online For You, Solved Question Paper Of Language I - हिंदी CTET July 2013 (Paper 1). Tayari Online Has Prepared Language I - हिंदी CTET July 2013 (Paper 1) As A Mock Test For You Which Will Help You To Check Your Level Of Preparation And Will Familiarize You With The Answer From CTET July 2013 (Paper 1) Question Paper. This Paper Was Conducted By CBSE on July 2013.

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भाग-IV

भाषा-1 हिन्दी

क्या आप शुरू करना चाहते है ?




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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

समाज में पाठशालाओं, स्कूलों अथवा शिक्षा की दूसरी दुकानों की कोई कमी नहीं है। छोटे से छोटे बच्चे को माँ-बाप स्कूल भेजने की जल्दी करते है। दो-ढाई साल के बच्चे को भी स्कूल में बिठाकर आ जाने का आगर्ह भी हर घर में बना हुआ है।

इसके विपरीत हर घर की दूसरी सच्ची यह भी है कि कोई भी माँ-बाप बालकों के बारे में, बालको की सही शिक्षा के बारे में और साथ ही सच्चा एवं अच्छा माता-पिता अथवा अभिभावक होने का शिक्षण कही से भी प्राप्त नही करता। माता-पिता बनने से पहले किसी भी नौजवान जोड़े को यह नहीं सिखाया जाता है कि माँ-बाप बनने के अर्थ क्या है? इससे पहले किसी भी जोड़े को यह भी नही सिखाया जाता कि अच्छे और सच्चे दाम्पत्य की शुरुआत कैसे की जानी चाहिय? पति-पत्नी होने को अर्थ क्या है? यह भी कोई नही बताता। परिणाम साफ है कि जीवन शुरू होने से पहले ही घर टूटने-बिखरने लगते है। घर बसाने की शाला न आज तक कही खुली है और न खुलती दिखती है। समाज और सत्ता दोनों या तो इस संकट के प्रति सजग नही है या फिर इसे अनदेखा क्र रहे है।

प्रश्न : लेखक के लिए किसका शिक्षण प्राप्त करना जरूरी है?

लेखक के लिए किसका शिक्षण प्राप्त करना जरूरी है?




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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

समाज में पाठशालाओं, स्कूलों अथवा शिक्षा की दूसरी दुकानों की कोई कमी नहीं है। छोटे से छोटे बच्चे को माँ-बाप स्कूल भेजने की जल्दी करते है। दो-ढाई साल के बच्चे को भी स्कूल में बिठाकर आ जाने का आगर्ह भी हर घर में बना हुआ है।

इसके विपरीत हर घर की दूसरी सच्ची यह भी है कि कोई भी माँ-बाप बालकों के बारे में, बालको की सही शिक्षा के बारे में और साथ ही सच्चा एवं अच्छा माता-पिता अथवा अभिभावक होने का शिक्षण कही से भी प्राप्त नही करता। माता-पिता बनने से पहले किसी भी नौजवान जोड़े को यह नहीं सिखाया जाता है कि माँ-बाप बनने के अर्थ क्या है? इससे पहले किसी भी जोड़े को यह भी नही सिखाया जाता कि अच्छे और सच्चे दाम्पत्य की शुरुआत कैसे की जानी चाहिय? पति-पत्नी होने को अर्थ क्या है? यह भी कोई नही बताता। परिणाम साफ है कि जीवन शुरू होने से पहले ही घर टूटने-बिखरने लगते है। घर बसाने की शाला न आज तक कही खुली है और न खुलती दिखती है। समाज और सत्ता दोनों या तो इस संकट के प्रति सजग नही है या फिर इसे अनदेखा क्र रहे है।

प्रश्न :माता-पिता को बच्चो की सही शिक्षा के बारे में जानना क्यों जरूरी है?

माता-पिता को बच्चो की सही शिक्षा के बारे में जानना क्यों जरूरी है?

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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

समाज में पाठशालाओं, स्कूलों अथवा शिक्षा की दूसरी दुकानों की कोई कमी नहीं है। छोटे से छोटे बच्चे को माँ-बाप स्कूल भेजने की जल्दी करते है। दो-ढाई साल के बच्चे को भी स्कूल में बिठाकर आ जाने का आगर्ह भी हर घर में बना हुआ है।

इसके विपरीत हर घर की दूसरी सच्ची यह भी है कि कोई भी माँ-बाप बालकों के बारे में, बालको की सही शिक्षा के बारे में और साथ ही सच्चा एवं अच्छा माता-पिता अथवा अभिभावक होने का शिक्षण कही से भी प्राप्त नही करता। माता-पिता बनने से पहले किसी भी नौजवान जोड़े को यह नहीं सिखाया जाता है कि माँ-बाप बनने के अर्थ क्या है? इससे पहले किसी भी जोड़े को यह भी नही सिखाया जाता कि अच्छे और सच्चे दाम्पत्य की शुरुआत कैसे की जानी चाहिय? पति-पत्नी होने को अर्थ क्या है? यह भी कोई नही बताता। परिणाम साफ है कि जीवन शुरू होने से पहले ही घर टूटने-बिखरने लगते है। घर बसाने की शाला न आज तक कही खुली है और न खुलती दिखती है। समाज और सत्ता दोनों या तो इस संकट के प्रति सजग नही है या फिर इसे अनदेखा क्र रहे है।

प्रश्न :समाज और सत्ता किसके प्रति सजग नही है?




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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

समाज में पाठशालाओं, स्कूलों अथवा शिक्षा की दूसरी दुकानों की कोई कमी नहीं है। छोटे से छोटे बच्चे को माँ-बाप स्कूल भेजने की जल्दी करते है। दो-ढाई साल के बच्चे को भी स्कूल में बिठाकर आ जाने का आगर्ह भी हर घर में बना हुआ है।

इसके विपरीत हर घर की दूसरी सच्ची यह भी है कि कोई भी माँ-बाप बालकों के बारे में, बालको की सही शिक्षा के बारे में और साथ ही सच्चा एवं अच्छा माता-पिता अथवा अभिभावक होने का शिक्षण कही से भी प्राप्त नही करता। माता-पिता बनने से पहले किसी भी नौजवान जोड़े को यह नहीं सिखाया जाता है कि माँ-बाप बनने के अर्थ क्या है? इससे पहले किसी भी जोड़े को यह भी नही सिखाया जाता कि अच्छे और सच्चे दाम्पत्य की शुरुआत कैसे की जानी चाहिय? पति-पत्नी होने को अर्थ क्या है? यह भी कोई नही बताता। परिणाम साफ है कि जीवन शुरू होने से पहले ही घर टूटने-बिखरने लगते है। घर बसाने की शाला न आज तक कही खुली है और न खुलती दिखती है। समाज और सत्ता दोनों या तो इस संकट के प्रति सजग नही है या फिर इसे अनदेखा क्र रहे है।

प्रश्न :लेखक के अनुसार सबसे पहले क्या जानना जरूरी है?

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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

समाज में पाठशालाओं, स्कूलों अथवा शिक्षा की दूसरी दुकानों की कोई कमी नहीं है। छोटे से छोटे बच्चे को माँ-बाप स्कूल भेजने की जल्दी करते है। दो-ढाई साल के बच्चे को भी स्कूल में बिठाकर आ जाने का आगर्ह भी हर घर में बना हुआ है।

इसके विपरीत हर घर की दूसरी सच्ची यह भी है कि कोई भी माँ-बाप बालकों के बारे में, बालको की सही शिक्षा के बारे में और साथ ही सच्चा एवं अच्छा माता-पिता अथवा अभिभावक होने का शिक्षण कही से भी प्राप्त नही करता। माता-पिता बनने से पहले किसी भी नौजवान जोड़े को यह नहीं सिखाया जाता है कि माँ-बाप बनने के अर्थ क्या है? इससे पहले किसी भी जोड़े को यह भी नही सिखाया जाता कि अच्छे और सच्चे दाम्पत्य की शुरुआत कैसे की जानी चाहिय? पति-पत्नी होने को अर्थ क्या है? यह भी कोई नही बताता। परिणाम साफ है कि जीवन शुरू होने से पहले ही घर टूटने-बिखरने लगते है। घर बसाने की शाला न आज तक कही खुली है और न खुलती दिखती है। समाज और सत्ता दोनों या तो इस संकट के प्रति सजग नही है या फिर इसे अनदेखा क्र रहे है।

प्रश्न :'माता-पिता' शब्द-युग्म है ?




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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

समाज में पाठशालाओं, स्कूलों अथवा शिक्षा की दूसरी दुकानों की कोई कमी नहीं है। छोटे से छोटे बच्चे को माँ-बाप स्कूल भेजने की जल्दी करते है। दो-ढाई साल के बच्चे को भी स्कूल में बिठाकर आ जाने का आगर्ह भी हर घर में बना हुआ है।

इसके विपरीत हर घर की दूसरी सच्ची यह भी है कि कोई भी माँ-बाप बालकों के बारे में, बालको की सही शिक्षा के बारे में और साथ ही सच्चा एवं अच्छा माता-पिता अथवा अभिभावक होने का शिक्षण कही से भी प्राप्त नही करता। माता-पिता बनने से पहले किसी भी नौजवान जोड़े को यह नहीं सिखाया जाता है कि माँ-बाप बनने के अर्थ क्या है? इससे पहले किसी भी जोड़े को यह भी नही सिखाया जाता कि अच्छे और सच्चे दाम्पत्य की शुरुआत कैसे की जानी चाहिय? पति-पत्नी होने को अर्थ क्या है? यह भी कोई नही बताता। परिणाम साफ है कि जीवन शुरू होने से पहले ही घर टूटने-बिखरने लगते है। घर बसाने की शाला न आज तक कही खुली है और न खुलती दिखती है। समाज और सत्ता दोनों या तो इस संकट के प्रति सजग नही है या फिर इसे अनदेखा क्र रहे है।

प्रश्न :'भी' शब्द है

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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

समाज में पाठशालाओं, स्कूलों अथवा शिक्षा की दूसरी दुकानों की कोई कमी नहीं है। छोटे से छोटे बच्चे को माँ-बाप स्कूल भेजने की जल्दी करते है। दो-ढाई साल के बच्चे को भी स्कूल में बिठाकर आ जाने का आगर्ह भी हर घर में बना हुआ है।

इसके विपरीत हर घर की दूसरी सच्ची यह भी है कि कोई भी माँ-बाप बालकों के बारे में, बालको की सही शिक्षा के बारे में और साथ ही सच्चा एवं अच्छा माता-पिता अथवा अभिभावक होने का शिक्षण कही से भी प्राप्त नही करता। माता-पिता बनने से पहले किसी भी नौजवान जोड़े को यह नहीं सिखाया जाता है कि माँ-बाप बनने के अर्थ क्या है? इससे पहले किसी भी जोड़े को यह भी नही सिखाया जाता कि अच्छे और सच्चे दाम्पत्य की शुरुआत कैसे की जानी चाहिय? पति-पत्नी होने को अर्थ क्या है? यह भी कोई नही बताता। परिणाम साफ है कि जीवन शुरू होने से पहले ही घर टूटने-बिखरने लगते है। घर बसाने की शाला न आज तक कही खुली है और न खुलती दिखती है। समाज और सत्ता दोनों या तो इस संकट के प्रति सजग नही है या फिर इसे अनदेखा क्र रहे है।

प्रश्न : 'इसके विपरीत हर घर के दूसरी सच्चाई यह भी है कि..... ' वाक्य के रेखांकित अंश का समानार्थी शब्द है




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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

समाज में पाठशालाओं, स्कूलों अथवा शिक्षा की दूसरी दुकानों की कोई कमी नहीं है। छोटे से छोटे बच्चे को माँ-बाप स्कूल भेजने की जल्दी करते है। दो-ढाई साल के बच्चे को भी स्कूल में बिठाकर आ जाने का आगर्ह भी हर घर में बना हुआ है।

इसके विपरीत हर घर की दूसरी सच्ची यह भी है कि कोई भी माँ-बाप बालकों के बारे में, बालको की सही शिक्षा के बारे में और साथ ही सच्चा एवं अच्छा माता-पिता अथवा अभिभावक होने का शिक्षण कही से भी प्राप्त नही करता। माता-पिता बनने से पहले किसी भी नौजवान जोड़े को यह नहीं सिखाया जाता है कि माँ-बाप बनने के अर्थ क्या है? इससे पहले किसी भी जोड़े को यह भी नही सिखाया जाता कि अच्छे और सच्चे दाम्पत्य की शुरुआत कैसे की जानी चाहिय? पति-पत्नी होने को अर्थ क्या है? यह भी कोई नही बताता। परिणाम साफ है कि जीवन शुरू होने से पहले ही घर टूटने-बिखरने लगते है। घर बसाने की शाला न आज तक कही खुली है और न खुलती दिखती है। समाज और सत्ता दोनों या तो इस संकट के प्रति सजग नही है या फिर इसे अनदेखा क्र रहे है।

प्रश्न : घर के टूटने-बिखरने का मुख्य कारण क्या है?

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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

समाज में पाठशालाओं, स्कूलों अथवा शिक्षा की दूसरी दुकानों की कोई कमी नहीं है। छोटे से छोटे बच्चे को माँ-बाप स्कूल भेजने की जल्दी करते है। दो-ढाई साल के बच्चे को भी स्कूल में बिठाकर आ जाने का आगर्ह भी हर घर में बना हुआ है।

इसके विपरीत हर घर की दूसरी सच्ची यह भी है कि कोई भी माँ-बाप बालकों के बारे में, बालको की सही शिक्षा के बारे में और साथ ही सच्चा एवं अच्छा माता-पिता अथवा अभिभावक होने का शिक्षण कही से भी प्राप्त नही करता। माता-पिता बनने से पहले किसी भी नौजवान जोड़े को यह नहीं सिखाया जाता है कि माँ-बाप बनने के अर्थ क्या है? इससे पहले किसी भी जोड़े को यह भी नही सिखाया जाता कि अच्छे और सच्चे दाम्पत्य की शुरुआत कैसे की जानी चाहिय? पति-पत्नी होने को अर्थ क्या है? यह भी कोई नही बताता। परिणाम साफ है कि जीवन शुरू होने से पहले ही घर टूटने-बिखरने लगते है। घर बसाने की शाला न आज तक कही खुली है और न खुलती दिखती है। समाज और सत्ता दोनों या तो इस संकट के प्रति सजग नही है या फिर इसे अनदेखा क्र रहे है।

प्रश्न : हर घर में किस चीज का आगर्ह बना हुआ है?




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निर्देश: नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

पूछो किसी भाग्यवादी से,

यदि विधि अंक प्रबल है।

पद पर क्यों देती न स्वयं

वसुंधा निज रतन उगल है?

प्रश्न : कवि के अनुसार यदि भाग्य ही सब कुछ होता तो क्या होता?

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निर्देश: नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

पूछो किसी भाग्यवादी से,

यदि विधि अंक प्रबल है।

पद पर क्यों देती न स्वयं

वसुंधा निज रतन उगल है?

प्रश्न :तुकबंदी के कारण कौन-सा शब्द बदले हुए रूप में प्रयुक्त हुआ है?




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निर्देश: नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

पूछो किसी भाग्यवादी से,

यदि विधि अंक प्रबल है।

पद पर क्यों देती न स्वयं

वसुंधा निज रतन उगल है?

प्रश्न :इनमें से कौन-सा 'वसुंधा' का समानार्थी है?

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निर्देश: नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

पूछो किसी भाग्यवादी से,

यदि विधि अंक प्रबल है।

पद पर क्यों देती न स्वयं

वसुंधा निज रतन उगल है?

प्रश्न :'प्र' उपसर्ग से बनने वाला शब्द-समूह है




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निर्देश: नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

पूछो किसी भाग्यवादी से,

यदि विधि अंक प्रबल है।

पद पर क्यों देती न स्वयं

वसुंधा निज रतन उगल है?

प्रश्न :कवि ने किसकी महिमा का खंडन किया है?

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निर्देश: नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:

पूछो किसी भाग्यवादी से,

यदि विधि अंक प्रबल है।

पद पर क्यों देती न स्वयं

वसुंधा निज रतन उगल है?

प्रश्न :विधि-अंक से तात्पर्य है ?




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निर्देश: सबसे सही विकल्प चुनिए:

प्रश्न :घर की भाषा और विद्यालय में पढ़ाई जाने वाली भाषा

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 प्राथमिक स्तर पर हिंदी 'भाषा-शिक्षण' के लिए सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है ?

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हिंदी-प्रयोग के विविध रूपों को जानने के लिए सर्वाधिक उपयोगी साधन हो सकता है ?




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कक्षा 'एक और दो' के बच्चों के लिए आप किस तरह की कहानी का चयन करेंगे?

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प्राथमिक स्तर पर भाषा-शिक्षण की प्राथमिक होनी चाहिए ?

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पढ़ने का प्रारंभ




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भाषा के बारे में कौन-सा कथन उचित है?

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प्राथमिक कक्षाओं में 'रोल प्ले' (भूमिका निर्वाह) का उद्देश्य होना चाहिए ?




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भाषा हमारे परिवेश में बिखरी मिलती है। यह कथन-किस पर लागू नहीं होती?

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कक्षा में कुछ बच्चे लिखते समय वर्तनी संबंधी त्रुटियाँ करते है। एक भाषा-शिक्षक के रूप में आप क्या करेंगे?

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बच्चों की मौखिक भाषा का सतत आकलन करने का सबसे सही बेहतर तरीका है ?




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भाषा में सतत और व्यापक आकलन का उद्देश्य है ?

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भाषा-कक्षा में विभिन्न दृश्य-श्रव्य साधनों का उपयोग का उद्देश्य नहीं है ?




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पाठ्य-पुस्तक की भाषा

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प्राथमिक स्तर पर 'भाषा-सिखाने' से तात्पर्य है ?

Your score is

The average score is 78%

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