Handwritten Notes NCERT Geography Class-6
अध्याय -1
अध्याय के अनुसार
सौरमंडलमेंपृथ्वी
- शुक्र गृह को पृथ्वी का जुडवा गृह कहा जाता है।
- पृथ्वी सूर्य से तीसरा सबसे नजदीकी ग्रह है।
- सभी ग्रह सूर्य के चारो तरफ दीर्घवृताकार पथ पर चाकर लगते है।
- जिस पथ पर सभी ग्रह चकर लगते है उसे ग्रह की कक्षा कहते है।
- ध्रुव तारे से उत्तर दिशा का ज्ञान होता है।
- छुद्र ग्रह मंगल व वृहस्पति के कक्षाओं के बीच में पाए जाते है।
- तारो की बहुत बड़ी प्रणाली को नक्षत्र मंडल कहते है।
- चन्द्रमा पृथ्वी के सब से नजदीक है।
- हम पूर्ण चन्द्रमा महीने में एक बार पूर्णिमा को देख पाते है।
खगोलीयपिंड
- सूर्य चन्द्रमा तथा वह सभी वस्तुएं जो रात के समय आकाश में चमकती है खगोलीय पिंड कहलाते है।
- कुछ खगोलीय पिंड आकर में बहुत बड़े तथा इनके पास अपना उसमे एव प्रकाश होता है और ये रात के समय आकाश में चमकते है इन्हे तारे कहते है।
- अर्सा मेजर या बीग बीयर प्रकार का नक्षत्र मंडल है।
- सप्त ऋषि यानी सात तारो का समूह अर्सा मेजर का भाग है।
- सप्त ऋषि एक नक्षत्र मंडल है।
- हम ध्रुव तारे की स्तिथि को सप्तऋषि की सहायता से जान सकते है।
ग्रह
- ग्रह जिसे अंग्रेजी में प्लेनटे कहते है , ग्रीक भाषा के प्लेनेटाई शब्द से बना है। जिसका अर्थ है परिभ्रमक अर्थात चारो ओर घूमने वाला।
- ग्रह तारो के प्रकाश से प्रकाशित होता है।
- सूर्य पृथ्वी का सबसे नजदीकी तारा है।
पृथ्वी
- पृथ्वी एक ग्रह है।
- यह अपना सम्पूर्ण प्रकाश व ऊर्जा सूर्य से प्राप्त करता है।
- सूर्य पृथ्वी के सब से नजदीक का तारा है।
- सूर्य से दूरी के हिसाब से पृथ्वी तीसरा ग्रह है।
- आकर आकर में पांचवा सबसे बड़ा ग्रह ग्रह है।
- पृथ्वी के आकर को भू-आभा कहते है।
चन्द्रमा
- पृथ्वी के व्यास का केवल एक चौथाई है।
- चन्द्रमा की पृथ्वी से दूरी 384400 KM है।
- पृथ्वी का चकर 27 दिन में पूरा करता है।
- 27 दिन में ही अपने अक्ष पे एक चकर पूरा करता है।
आंतरिक ग्रह
- बुध , शुक्र , पृथ्वी और मंगल को आंतरिक ग्रह कहा जाता है।
- आंतरिक ग्रह चटानो से बने है।
1) बुध – सूर्य के चारो ओर एक परिक्रमण 88 दिन में लगता है।
- अपने अक्ष पर घूर्णन 59 दिन में है।
2) शुक्र – सूर्य के चारो ओर परिक्रमण 255 दिन में पूर्ण करता है।
- अपने अक्ष पर घूर्ण 243 दिन में पूरा करता है।
3) पृथ्वी – परिक्रमण 365 दिन में।
- घूर्णन 1 दिन में।
4) मंगल – परिक्रमण 687 दिन में।
- घूर्णन 1 दिन में।
- मंगल पर चन्द्रमा की संख्या 2 है।
ब्राह्यग्रह
- ये ग्रह सूर्य से बहुत दूर है।
- आकर में बड़े है तथा गैस व तरल पदार्थो से बने है।
- इन ग्रहो की संख्या चार है वृहस्पति , शनि , उरेनस तथा नेपच्चुयन है।
अन्य बिंदु
- पौराणिक रोमन कहानियो में सोल सूर्य देवता को कहा जाता है।
- आर्यभट्ट प्राचीन भारत के प्रसिद्ध खगोल शास्त्री थे।
- प्रकाश की गति लगभग 300000 km/s है।
- सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक आने में लगभग 8 मिनट लगते है।
- नील आर्मस्ट्रॉग पहले वयक्ति थे जिन्होंने 29 जुलाई 1969 को सबसे पहले चन्द्रमा की सतह पर कदम रखा था।
- सूर्य के चारो ओर चाकर लगाने वाले असंख्य छोटे-छोटे पत्थर के टुकड़ो को उल्का पिंड कहते है।
- आकाशगंगा मिलकर ब्रह्माण्ड का निर्माण करते है।
- शुक्र को पृथ्वी का जुड़वाँ ग्रह कहते है।
- तारो का समूह जो विभिन्न आकृतियों का निर्माण करता है नक्षत्र मंडल कहलाता है।
- तरो की बहुत बड़ी प्रणाली को आकाशगंगा कहलाती है।
- शुक्र पृथ्वी के सबसे नजदीक है।
अध्याय – 2
ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर
- एक सुई ग्लोब में झुकी हुई अवस्था में स्थित है जिसे अक्ष कहते है।
- पृथ्वी को दो बराबर भागो में विषुवत वृत्त बाटता है।
- विषुवत वृत्त का मान 0 डिग्री अक्षांश है।
- विषुवत वृत्त से दोनों तरफ ध्रुवो के बीच की दूरी पृथ्वी के चारो ओर के वृत्त का एक चौथाई है।
- महाराष्ट्र में चंद्रपुर एव ब्राजील में बेलो होरिजोंटे दोनों 20 डिग्री अक्षांश पे है लेकिन चंद्रपुर 20 डिग्री उत्तर तथा बेलो होरिजों 20 डिग्री दक्षिण में है।
- अपने स्थान पे ध्रुव तारे का कोण मापकर आप अपने स्थान का अक्षांश जान सकते है।
- कर्क रेखा – 23.50 उत्तर अक्षांश
- मकर रेखा – 23.50 दक्षिण अक्षांश
- उत्तर ध्रुव वृत्त – 66.50 उत्तर में
- दक्षिण ध्रुव वृत्त – 66.50 दक्षिण में
पृथ्वी ताप कटिबंध
- 23.50 डिग्री नार्थ से 23.50 डिग्री साउथ तक के क्षेत्र को उष्ण कटिबंध कहा जाता है।
- उष्ण कटिबंध क्षेत्र में सूर्य वर्ष में एक बार सर के ठीक ऊपर होता है।
- कर्क रेखा और मकर रेखा के बाद सूर्य सर के ठीक ऊपर कभी नहीं आता है।
- 23.50 – 66.50 डिग्री उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध के क्षेत्र को शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र कहते है।
- 66.50 डिग्री से 90 डिग्री उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध के क्षेत्र को शीत कटिबंध क्षेत्र है।
देशांतर
- उतरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाने वाली रेखा देशांतर कहते है।
- पाकिस्तान में हैदराबाद एवं भारत में इलाहाबाद एक ही अक्षांश पर स्थित है।
- देशान्तरों के बीच की दूरी ध्रुवो की ओर घटती जाती है।
- सभी देशान्तरों की लम्बाई बराबर होती है।
- सभी देशांतर ध्रुवो पर मिलते है तथा सभी का मान ध्रुवो पर सामान यानि 0 डिग्री होता है।
- 0 डिग्री देशांतर को प्रमुख्य याम्योत्तर कहते है।
- प्रमुख्य याम्योत्त ग्रीनिच ब्रिटिश से होकर गुजरती है।
- प्रमुख्य याम्योत्त के पूर्व और पश्चिम को हम 180 डिग्री देशांतर में बाटते है।
- ग्लोव पर अक्षांश तथा देशांतर रेखा से बने डिब्बे को ग्रिड कहते है।
- प्रमुख्य याम्योत्त पर सूर्य जिस समय आकाश के सब से ऊँचे बिंदु पर होगा , उस समय याम्योत्तर पर स्थित सभी स्थानों पर दोपहर होगा।
- पृथ्वी पक्षिम से पूर्व की ओर चाकर लगाती है।
- प्रमुख्य याम्योत्त से पूर्व की ओर का समय याम्योत्तर से आगे + होगा तथा याम्योत्तर से पक्षिम में समय पीछे यानि – में होगा।
- पृथ्वी 4 मिनट में 1 डिग्री देशांतर घूमती है तथा एक घंटे में 15 डिग्री देशांतर तक घूम जाती है।
- गुजरात के द्वारका तथा आसाम के डिब्रुगढ के स्थानीय समय में लगभग 1 घंटा 45 मिनट का अन्तर है।
- भारत का मानक याम्योत्तर 82.50 डिग्री पूर्व है।
- भारत का समय ग्रीनविच समय से 5 घंटा 30 मिनट आगे है।
अध्याय – 3
पृथ्वी की गतियाँ
- पृथ्वी की गति दो प्रकार की होती है :-
1) घूर्णन – अपने अक्ष पर पक्षिम से पूर्व घूमना घूर्णन कहलाता है।
2) परिक्रमण – सूर्य के चारो ओर एक निश्चित कक्ष में घूमना परिक्रमण कहलाता है।
- पृथ्वी अपनी कक्षीय सतह से 66.50 डिग्री का कोण बनाती है इसे कक्षीय समतल कहते है।
- ग्लोब पर वह वृत्त जो दिन तथा रात को विभाजित करता है उसे प्रदीप्ति वृत्त कहते है।
- घूर्णन के समयकाल को पृथ्वी का दिन कहा जाता है।
- पृथ्वी 365 1/2 दिन में सूर्य का एक चक्कर लगाती है।
- ऐसा वर्ष जिसमे 366 दिन होते है लीप वर्ष कहलाता है।
- दक्षिण अयनांत – 22 दिसंबर
- उत्तर अयनांत – 21 जून
- 21 जून को सूर्य की किरणे कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है।
- 21 जून को कर्क रेखा में सबसे लम्बा दिन तथा सबसे लम्बी रात होती है, पृथ्वी की इस अवस्था को उत्तर अयनांत कहते है।
- 22 दिसंबर को दक्षिण ध्रुव ( मकर रेखा ) पर सूर्य की किरणे सीधी पड़ती है, पृथ्वी की इस अवस्था को दक्षिण अयनांत कहते है।
- ऑस्ट्रेलिया में ग्रीष्म ऋतू में क्रिश्मस मनाया जाता है।
- 21 मार्च और 23 सितम्बर को सूर्य की किरणे विषुवत वृत्त पर सीधी पड़ती है जिसके कारण पृथ्वी पर दिन और रात की अवधि बराबर होती है इसे विषुवत कहा जाता है।
- 23 सितम्बर को उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतू होती है तो दक्षिणी गोलार्द्ध में वसंत ऋतू होती है।
- 21 की स्थिति 23 सितम्बर के विपरीत होती है।
- पृथ्वी के घूर्णन एवं परिक्रमण के कारण दिन एवं रात तथा ऋतुओ परिवर्तन होता है।
अध्याय – 4
मानचित्र
- मानचित्र पृथ्वी की सतह या इसके एक भाग का पैमाने के माध्यम से चपटी सतह पर खींचा गया चित्र मानचित्र कहलाता है।
- भौतिक मानचित्र – पर्वतो पठारों मैदानों नदियों महासागरों इत्यादि को दर्शाने वाले मानचित्रो को भौतिक या उच्चावच मानचित्र कहा जाता है।
- थीमेटिक मानचित्र – विशेष जानकारियाँ प्रदान करने वाले मानचित्रो को थीमेटिक मानचित्र कहते है।
- मानचित्र के तीन घटक होते है :- 1) दुरी 2) दिशा 3) प्रतीक
- बड़े क्षेत्रफल वाले भागो को दर्शाने के लिए छोटे पैमाने का उपयोग किया जाता है।
- 5 CM से 500 KM को दर्शाना छोटे पैमाने का मानचित्र कहते है।
- चार मुख्य दिशाओं को दर्शाने वाले बिन्दुओ को प्रधान दिग्बिंदु कहते है।
- दिगसूचक की सहायता से किसी स्थान की दिशा का पता लगाया जाता है।
- बिना पैमाने की सहायता से खींचा गया आरेख चित्र मानचित्र कहलाता है।
अध्याय – 5
पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल
- पृथ्वी का ठोस भाग जिसपर हम रहते है उसे भूमण्डल कहते है।
- गैस की परते जो प्रथ्वी को चारो ओर से घेरे हुए है वायुमंडल कहलाती है।
- जीवमंडल एक सीमित क्षेत्र है जहां स्थल जल एव वायु एक साथ मिलते है , तथा जहाँ सभी प्रकार के जीव पाए जाते है।
- विश्व का सबसे उच्चा शिखर माउंट एवेरेस्ट समुन्द्र ताल 8848 मीटर उच्चा है।
- विश्व का सब से गहरा भाग प्रशांत महासागर का मारियाना गर्त है, जो 11022 मीटर गहरा है।
- पृथ्वी पर सात प्रमुख महाद्वीप है 1) एशिया 2) यूरोप 3) अफ्रीका 4) उत्तर अमेरिका 5) दक्षिण अमेरिका 6) ऑस्ट्रेलिया 7) अंटार्टिका।
एशिया
- यह विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है।
- एशिया विश्व के कुल क्षेत्रफल का एक तिहाई भाग पर फैला है।
- एशिया पूर्वी गोलार्द्ध में स्थित है।
- कर्क रेखा एशिया महाद्वीप से गुजरती है।
- यूराल पर्वत एशिया को यूरोप से अलग करता है।
- यूरोप तथा एशिया के संयुक्त भूभाग को यूरेशिया ( यूरोप + एशिया ) कहा जाता है।
यूरोप
- यूरोप एशिया से बहुत छोटा है।
- आर्कटिक वृत्त यूरोप से होकर गुजरता है।
- यह तीन तरफ से जल से घिरा है।
- यूरोप के दक्षिण में भूमध्य सागर है जो इसे अफ्रीका से अलग करता है।
- यूरोप के उत्तर तथा पश्चिम में आर्कटिक महासागर है।
अफ्रीका
- अफ्रीका विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है।
- विषुवत वृत्त 0 डिग्री अक्षांश इस महाद्वीप के मध्य भाग से गुजरता है।
- अफ्रीका का बहुत बड़ा भाग उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है।
- केवल अफ्रीका एक मात्र महाद्वीप है जिस से होकर कर्क , विषुवत तथा मकर रेखा गुजरती है।
- विश्व का सबसे बड़ा रेगिस्तान सहारा रेगिस्तान अफ्रीका महाद्वीप में स्थित है।
- अफ्रीका चारो तरफ से सागर से घिरा है।
- इसके पूर्व में हिन्द महासागर है तो पक्षिम में अटलांटिक महासागर है।
- विश्व की सबसे लम्बी नदी नील नदी अफ्रीका में स्थित है।
उत्तरी अमेरिका
- यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है।
- यह दक्षिण अमेरिका से एक संकरे स्थल से जुड़ा है जिसे पनामा स्थल संधि कहते है।
- रॉकी पर्वतमाला उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी भाग में स्थित है।
- इसके पूर्वी भाग पर अल्पेशियन पर्वत माला स्थित है।
- महाद्वीप पूरी तरह से उत्तरी एव पश्चिमी गोलार्द्ध में स्थित है।
- नूजीलैंड की एडमंड हिलैरी तथा भारत के तेनजिंग नोर्गे शेरपा 29 मई 1953 को माउन्ट एवेरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले व्यक्ति थे।
- जापान की जुंको ताबुई पहली महिला थी जिसने 16 मई 1975 को एवरेस्ट पर कदम रखा था।
- बछेंद्री पाल भर की पहली महिला थी जिसने 23 मई 1984 को एवरेस्ट पर कदम रखा था।
दक्षिण अमेरिका
- दक्षिण अमेरिका के पूर्व में अटलांटिक महासागर स्थित है।
- दक्षिण अमेरिका के पश्चिम में प्रशांत महासागर स्थित है।
- विश्व की सबसे लम्बी पर्वत शृंखला एंडीज इसके पश्चिमी घाट पर उत्तर से दक्षिण की ओर फैली हुई है।
- दक्षिण अमेरिका में विश्व की सबसे बड़ी नदी अमेज़न बहती है।
- दक्षिण अमेरिका , उत्तरी अमेरिका से पनामा स्थलडमरूमद्ध के द्वारा जोड़ती है।
- पनामा नहर मानव निर्मित सबसे बड़ी नहर है।
- पनामा नहर के दक्षिण में प्रशांत महासागर तथा पूर्व में कैरिबियाई सागर है जो अंध महासागर का एक भाग है।
ऑस्ट्रेलिया
- विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप है जो पूरी तरह दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है।
- ऑस्ट्रेलिया को द्वीपीय महाद्वीप कहा जाता है।
- ऑस्ट्रेलिया दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है।
- ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा है।
- सबसे बड़ा शहर सिडनी है।
अंटार्कटिका
- दक्षिण ध्रुव अंटार्कटिका के मध्य में स्थित है।
- यहाँ किसी भी प्रकार के स्थायी मानव का निवास नहीं है।
- यहाँ भारत के दो शोध केंद्र मैत्री तथा दक्षिणी गंगोत्री है।
जलमंडल
- पृथ्वी को नीला ग्रह कहा जाता है।
- पृथ्वी पर 71% भाग जल तथा 29% भाग स्थल है।
- पृथ्वी पर पाए जाने वाले जल का 97% से अधिक भाग महासागरों के रूप में पाया जाता है।
प्रशांत महासागर
- यह सबसे बड़ा मगसागर है।
- प्रशांत महासागर पृथ्वी के एक तिहाई भाग पर फैला हुआ है।
- पृथ्वी का सबसे गहरा स्थल मोरियाना गर्त प्रशांत महासागर में स्थित है।
- प्रशांत महासागर वृताकार है।
- एशिया , ऑस्ट्रेलिया , उत्तर एव दक्षिण अमेरिका इसके चारो ओर है।
अटलांटिक महासागर
- विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महासागर है।
- अटलांटिक महासागर अंग्रेजी के S अक्षर के आकर का है।
- इसके पश्चिमी किनारे पर उत्तर एव दक्षिण अमेरिका तथा पूर्वी किनारे पर यूरोप एव अफ्रीका है।
- इसकी तट रेखा अत्यधिक कटी-फटी है।
- व्यापर की दृष्टि से सबसे व्यस्त महासागर है।
हिन्द महासागर
- इसका नाम भारत के नाम पर रखा गया है।
- हिन्द महासागर त्रिभुजाकार ? है।
- इसके उत्तर में एशिया, पश्चिम में अफ्रीका तथा पूर्व में ऑस्ट्रेलिया है।
- आर्किटिक महसागर
- यह उत्तर ध्रुव वृत्त में स्थित है।
- आर्किटिक महसागर प्रशांत महासागर से बेरिंग जल संधि से जुड़ा है।
- यह उत्तर अमेरिका के उत्तरी तटों तथा यूरेशिया से घिरा है।
वायुमंडल
- वायुमंडल 1600KM की ऊंचाई तक फैला है।
- वायुमंडल मुख्यतः ऑक्सीजन एंव नाइट्रोजन से बना है जो की हवा का 99% है
नाइट्रोजन – 78%
ऑक्सीजन – 21%
- नाइट्रोजन प्राणियों की वृद्धि के लिए आवयश्क है।
- CO2 पृथ्वी द्वारा छोड़ी गयी ऊष्मा को अवशोषित करती है।
- CO2 पौधों की वृद्धि के लिए आवयशक है।
- वायुमंडल का घनत्व समुंद्री तल पर सबसे अधिक होता है।
- वायु उच्च दाब से निम्न दाब की ओर बहती है।
- गतिशील वायु को पवन कहते है।
जीवमंडल
- जीवमंडल स्थल , जल तथा हवा के बीच का एक सिमित भाग है।
अध्याय – 6
पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूप
- 600 मीटर से अधिक उचांई एव खड़ी ढाल वाली पहाड़ी को पर्वत कहा जाता है।
- पृथ्वी की सतह के टूट के घिस जाने को अपरदन कहते है।
- अपरदन की क्रिया के द्वारा सतह नीची हो जाती है।
- निक्षेपण की प्रक्रिया के द्वारा इनका फिर से निर्माण होता है।
- अपरदन तथा निक्षेपण बहते जल , वायु तथा हिमानियों के द्वारा होता है।
- पर्वत – शिखर छोटा तथा आधार चौड़ा होता है।
- पर्वतों पर हमेशा जमी रहने वाली बर्फ की नदियां हिमानी कहलाती है।
- रेखा के क्रम में पर्वतों का व्यवस्थित करण पर्वत शृंखला कहलाता है।
हिमालय – एशिया
आल्प्स – यूरोप
एंडीज – दक्षिण अमेरिका की पर्वत शृंखला है।
- हिमालय तथा आल्प्स वलित पर्वत है जिनकी सतह उबड़ खाबड़ तथा शिखर शंक्वाकार है।
- भारत के अरावली शृंखला विश्व की सबसे पुरानी वलित पर्वत शृंखला है।
- गोलाकार दिखाई देने वाले पर्वत
1) उत्तरी अमेरिका का अल्पेशियन
2) रूस का यूराल
- जब बहुत बड़ा भाग टूट जाता है तथा ऊर्ध्वाधर रूप में विस्थापित हो जाता है तब भ्रंशोत्थ पर्वत का निर्माण होता है।
- भ्रंशोत्थ पर्वत में ऊपर उठे खंड को उत्खंड ( हार्स्ट ) तथा निचे धसे खंडो को द्रोणिका भ्रंश ( ग्रोबेन ) कहते है।
- यूरोप की राइन घाटी तथा वासजेस पर्वत भ्रंशोत्थ पर्वत के उदाहरण है।
- अफ्रीका का माउन्ट किलिमंजारो तथा जापान का फुजियामा ज्वालामुखी पर्वत के उदाहरण है।
- पर्वत जल के संग्रहागार होते है।
- पेरग्राइडिंग , हेंग ग्लाइडिंग , ख़िर राफ्टिंग तथा स्कीइंग पर्वतो के प्रचलित खेल है।
पठार
- पठार उठी हुई सपाट भूमि होती है।
- भारत में दक्कन पठार पुराने पठारों में से एक है।
- तिब्बत का पठार विश्व का सबसे उचा पठार है, जिसकी ऊँचाई समुन्द्र ताल से 4000 से 6000 मीटर तक है।
- पठार में खनिजों की प्रचुरता होती है।
- अफ्रीका का पठार सोना एवं हीरा के खनन के लिए प्रसिद्ध है।
- भारत में छोटा नागपुर के पत्थर में लोहा , कोयला तथा मैगनीज के बहुत बड़े भंडार है।
- भारत में छोटा नागपुर पठार में स्वर्णरेखा नदी पर हुंडरू जलप्रपात है।
- कर्नाट का जोग जलप्रपात पठारी जलप्रपात का उदाहरण है।
- लावा पठार में काली मिट्टी की प्रचुरता होती है , जो अत्यधिक उपजाऊ होती है।
मैंदान
- सामन्यतः मध्य समुंद्री ताल से 200 मीटर से अधिक ऊँचे नहीं होते है।
- नदियों द्वारा बनाये गए कुछ मैदान एशिया तथा उत्तरी अमेरिका में पाए जाते है।
- भारत में गंगा तथा बरह्मपुत्र का मैदान तथा चीन में यांग्त्से का मैदान नदियों द्वारा बनाये गए है।
- भारत में गंगा का मैदान देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाला क्षेत्र है।
अध्याय – 7
हमारा देश : भारत
- भारत का क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किलोमीटर है।
- उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक विस्तार 3200 किलोमीट है।
- अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में कछ तक विस्तार 2900 किलोमीट है।
- चीन के बाद विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भारत है।
- भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थित है।
- कर्क रेखा २३ डिग्री 30 मिनट उत्तर देश के लगभग मध्य भाग से गुजरता है।
- दक्षिण में उत्तर की ओर भारत की मुख्य भूमि का विस्तार 8 डिग्री 4 मिनट उत्तर तथा 37 डिग्री 6 उत्तर अक्षांशो के बिच है।
- पक्षिम से लेकर पूर्व तक भारत का विस्तार 68 डिग्री 7 मिनट से 97 डिग्री 25 मिनट पूर्वी देशांतर के मध्य है।
- भारत का कुल देशांतरीय विस्तार 29 डिग्री है।
- पूर्व से पश्चिम भारत के समय में लगभग 2 घंटे का अंतर होता है।
विशाल कुमार और सुधा कुमारी इस ब्लॉग के लेखक और संस्थापक है, इस ब्लॉग पर आपको ब्लॉग्गिंग, करंट अफेयर्स, टेक्नोलॉजी, डेली न्यूज़, लेटेस्ट जॉब और परीक्षा से सम्बंधित सभी जानकारी हिंदी में पढने को मिलेंगी।